अन्य पर्यटन स्थल से पिछड़े उपेक्षित मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं गिरौदपुरी धाम आजादी के 75 साल बाद भी

अन्य पर्यटन स्थल से पिछड़े उपेक्षित मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं गिरौदपुरी धाम आजादी के 75 साल बाद भी
 छत्तीसगढ़ महिमा बलौदाबाजार। 7 मार्च 2022, छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा परम पावन भूमि गिरौदपुरी धाम आज देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे विकास कार्यों में उपेक्षित पिछडे हैं। प्रदेश के जो भी अन्य पर्यटन धार्मिक स्थल जैसे सर्व सुविधा युक्त गिरौदपुरी धाम विशाल संत समागम गुरू दर्शन मेला का विकास जो होने चाहिए थे वह नहीं हो पाया हैं। आज भी संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों की सुविधाएं विकास कार्यों को लेकर उपेक्षित पिछड़ा रूप में देखने को मिलता है।
चाहे आवागमन पेयजल व्यवस्था और संत श्रद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक गण के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था जल संकट की बात हो। मुख्य स्थल जन्म भूमि का कार्य अधूरा है, और अमृत कुण्ड, पांच कुण्ड, छाता पहाड़ पास सत्संग भवन यात्री प्रतीक्षालय धर्मशाला, करूणा माता जलाशय बांध से चरण कुण्ड तक पहुंच मार्ग कांक्रीटीकरण रोड व करूणा माता जलाशय में पींचिंग उच्च स्तरीय सौंदर्यकरण निर्माण कार्य आज तक नहीं हो पाया हैं। सारंगढ़ मुख्य मार्ग से पवनी मडवा नरधा और महासमुंद जिले के पिथौरा से बया
 अर्जुनी महराजी होते गिरौदपुरी धाम पहुंच मुख्य मार्ग आज भी जर्जर हालत में तब्दील हो पड़ा हुआ हैं।
सरकार की तीन वर्ष पूर्ण होने के बाद भी गिरौदपुरी धाम की समस्याएं जस की तस हैं। प्रति वर्ष के भांति इस वर्ष भी 7 से 9 मार्च 2022 तक त्रिदिवसीय वार्षिक भव्य संत समागम गुरू दर्शन मेला आयोजन होने जा रहा हैं। अन्य पर्यटन धार्मिक स्थल जैसे विकसित न हो मुख्य पर्यटन क्षेत्र होते हुए भी गिरौदपुरी धाम उपेक्षित पिछड़ा हुआ हैं।
 लोगों द्वारा सवाल करने पर बताने पड़ते हैं कि यहां से जमीनी हकीकत से रूबरू होते हुए प्रिंट सोशल इलेक्ट्रानिक मीडिया में नियमित रूप से समस्याओं को लेकर विशेष रूप से शासन प्रशासन और समाज के बीच में खबर प्रकाशित कर ध्यान आकर्षित करते रहे हैं।